Sunday 16 April 2017

Feelings for someone..

सारी दुनिया को जीतकर भी,
आज उस एक से हारा मैँ...पता नहीँ क्या मँजर था व
क्युँ आया था तूफान इतना,
आज जिसमेँ, बना उस एक के लिए किनारा मैँ...
कोई तो वजह है कि मन करता है,
आज उसके लिए खेल खेलूँ , पलट दूँ कायनात का इतिहास और आज बस बन जाउँ उसी का हरकारा मैँ...
अजीब उलझन है रिश्तोँ की पहेलीयाँ भी,
कहाँ से उठा कहाँ आकर मिला,
क्युँ बन गया आज उस एक के लिए इतना प्यारा मैँ...

                                          

Sunday 21 February 2016

शुरूआत

किसी भी इंसान को अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए यह जरूरी होता है कि वह अपनी दिनचर्या पर ध्यान दें.....    अगर आप अभी अच्छा महसूस नही कर रहे हो तो आपको बस  एक काम करना है......          उस पल को याद करो जब आप बहुत ज्यादा खुश थे, और आज भी उसी में खो जाओ... 

Saturday 12 May 2012

THE SECRET OF MY LIFE............

आज मैंने एक नया रहस्य सीखा , वो रहस्य जो मुझे पहले से पता था फिर भी में उसके बारे में अनजान था। 
......जीवन में आकर्षण का नियम .....
................हमारे मन में जैसे विचार आते है , वे ब्रह्माण्ड में वैसी ही तरंगे उत्पन्न करते है और हमारे साथ वैसा -वैसा घटित होता है जैसा हमने सोचा था । उदहारण के लिए मान लेते है की आपको किसी आदमी का आपके प्रति व्यवहार आपको अच्छा नहीं लगता
और आप मन में ये सोचते है कि मुझे ऐसा व्यवहार बिलकुल भी पसंद नहीं , उसे मेरे साथ ऐसा नहीं करना चाहिए .....
........अगर आप ने ये कहा की "उसे मेरे साथ ऐसा नहीं करना चाहिए " तो ब्रहमांड में आपके विचार इस रूप में 
जायेंगे ...."उसे मेरे साथ ऐसा करना चाहिए ..."
   और निश्चित रूप से वो व्यक्ति आप के साथ ऐसा व्यवहार करेगा जो आप नहीं चाहते ....
..अपने दीमाग में सोच हमेशा सकारात्मक रखनी चाहिए ........
...बात हमेशां उन चीजों की करनी चाहिए जो हमें पसंद है न की उनकी जो हमें नापसंद है ,
अगर हम पसंद वाली चीजों का ही मनन करेंगे तो वो हम मिल ही जाएगी क्योंकि बर्ह्मंद की तरंगे वो बात उस
 चीज की तरंगों तक पहुंचा देगी वो चीज हमारी तरफ आकर्षित हो जाएगी .......
.......यही आकर्षण का नियम है की जो चीज हमें पसंद है वो हमारी तरफ सहज ही आकर्षित हो जाती है ।
..अतः आकर्षण के नियम का उपयोग अपने पक्ष में करने के लिए हमेशां अपने पर्यावरण में सकारात्मक 
विचारों का संचार रखना चाहिए ताकि हमें वो ही मिले जिसकी हमें जरूरत है।......
                                                                                                                        सधन्यवाद 
                                                                                                                         सपने 

Sunday 26 February 2012

बादल  से भी बड़ा 
साया था माँ के आँचल का,
तब तो बात किसी की सही ही नहीं ।

दुनिया देती है ताने 
और सुननी पड़ती है वो,
जो बातें किसी को कही ही नहीं ।

रोज होती थी पोलिश जूतों के
और रखता था सलीके से ,
अब तो जूते पहनने की आदत भी रही ही नहीं ।

हमेशां डूब जाता था 
जिस प्रेम की नदी में,
वो तो इन दिनों बही ही नहीं ।

Thursday 23 February 2012

हाय ! राम ये क्या हो रहा है दुनियादारी में ,
क्यूँ छुपकर बैठे हैं देवता आज तगारी में,
पहले रोटी मिलती थी तीन बार ,
अब तो गेहूं खत्म बखारी  में ।
हाय ! राम ये क्या हो रहा है दुनियादारी में,

रहता था जो साथ हमेशां ,
नहीं मिला दुनिया सारी में।
देवी मानकर पूजें जिसको ,
वो गुण रहे नहीं नारी में ।
हाय ! राम ये क्या हो रहा है दुनियादारी में ।


राम हो या रहीम सही ,
अल्लाह को रटते लाचारी में ।
अपना पैसा लोग लूटते ,
भारत बिका बाजारी में ।
हाय ! राम ये क्या हो रहा है दुनियादारी में ।


शमशान में भी शीर मांगते ,
नेता डूबे नारी में ।
शातिर चोर चाहत पूछते ,
क्या रखा है इस वफादारी में ।
हाय ! राम ये क्या हो रहा है दुनियादारी में ।


अन्ना जी ने आस जगाई ,
हुए सहायक सहूकारी में ।
भ्रष्ट नेता उन्हें दागने ,
लीये फिरते कीचड़ पिचकारी में ।
हाय ! राम ये क्या हो रहा है दुनियादारी में ।